Saturday, May 11, 2019

वाणी के पांच महत्व ..

वाणी के महत्व .. 
१. सदैव अपनी वाणी में कंट्रोल बनाये रखे !
२. कम बोले पर मीठा बोले !
३. कड़वे वचनों को बोलने से बचे !
४. बोलने से पहले सोचे फिर बोले क्योकि फिर पछताने से कुछ हाथ नहीं आता !
५. मीठी वाणी से सभी को अपना बनाया जा सकता हैं वहीँ कटु वाणी अपनों को भी दूर कर देती हैं

Friday, May 10, 2019

अपनी कीमत जानो !


जीवन में यदि कुछ करना है, आगे बढ़ना हैं तो अपनी कीमत जानो.
कोई भी व्यक्ति असीम आत्मविश्वास के साथ पैदा नहीं होता है। एक सफल व्यक्ति अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट करता हैं, अपने पर पूर्ण भरोसा करता है, यदि व्यक्ति खुद पर विश्वास ही न कर पाए तो जीवन में आगे कैसे बढ़ेगा, और जो खुद पर विश्वास न कर पाए वह दुसरो पर कैसे विश्वास करेगा ।

अपने को हीन भावना से देखने वाले व्यक्ति जीवन में उन्नति नहीं कर पाते । क्योकि वह ईश्वर द्रारा निर्मित मानव शरीर की अवहेलना करते हैं चाहे वह अनजाने में ही हो , इसके साथ दूसरे के प्रति आदर भी रखे हम अंहकार करने की बात यहाँ नहीं कर रहे हैं आपको किसी की सहायता मिलने पर उसे धन्यवाद देना भी नहीं भूलना चाहिए। मेरे कहने का केवल ये अर्थ हैं कि अपना मान भी रखें और दुसरो का सम्मान भी करें।

बूँद-बूँद करके सागर भरता है

एक सज्जन है किराये के मकान में रहते है, छोला भठूरे का ठेला लगते हैं, उसकी कमाई से गुजरा होता है, मकान का किराया 1500 रूपए है, वो बिना नागा किये हर महीने किराया भर देते हैं, ऐसा करने का गुप्त रहस्य ये है की वे रोज 50 रूपये निश्चित तारीख को एक डिब्बे में डालते जाते हैं, जो माह पूरा होते होते है 1500 रुपये हो जाते हैं, और किराया समय पर दे पाते हैं, उनको कोई कष्ट नहीं होता, उनका कहना है की वे इकट्ठे 1500 रुपये कहाँ से लायेंगे, सही भी है बून्द बून्द करके घड़ा भरता है,



आप खुद सोचिये हममें से ऐसे कितने लोग है जो इस नियम का पालन करते हैं, बात बून्द बराबर है पर है कितने महत्वपूर्ण, इस संसार में कोई चीज़ छोटी या तुच्छ नहीं होती है, प्रत्येक का अपना महत्त्व होता है.  किसी भी वास्तु को छोटा न समझे, समय पाय कूड़ा करकट भी काम आ सकता है.

हम छोटी वस्तु या छोटे छोटे आदमियों को महत्व नहीं देते, उनकी अवहलेना करते है, पर समय पर यही सब बड़े काम के होते हैं, किसी भी मनुष्य को छोटा मत समझिये, उनका अपना महत्व होता है. उसी तरह बूँद बूँद करके सागर भरता है, इस बात को हमेशा ध्यान रखे. 

Thursday, May 9, 2019

बच्चों की रूचि को पहचाने

दोस्तों बात छोटी जरूर है, मगर हमारी बड़ी समस्या को दूर करती है, मैं यहाँ बात कर रही हूँ बच्चों के माता-पिता की और उनके बच्चों के भविष्य की.

हम अपने बच्चों के भविष्य (Future) को बनाने के लिए क्या-क्या प्रयास करते हैं, बहुत से सपने भी देखते है, पर हममें कई पेरेंट्स की यह चिंता को देखा है कि उनके बच्चों को पढ़ने में रूचि नहीं होती, वे तो बस खेल-कूद या अन्य चीज़ों की तरफ आकर्षित होते हैं, माता-पिता इसी चिंता में बच्चों को उनकी रूचि से परे होकर बस उनकी पढ़ाई पर जोर देते हैं.

मगर इस बात को एक अलग नज़रिये से देखे तो इस समस्या का समाधान बड़े ही अच्छे और आसान तरीकों से किया जा सकता है. इससे पेरेंट्स और बच्चों दोनों की समस्या दूर हो सकती है.



आइये देखते हैं इस तरह के कुछ उदाहरण - (some example for better future)

  • बच्चों की रूचि को पहचानते हुए उनकी रूचि के अनुसार ही उन्हें उस विषय में आगे बढ़ाना.

  • अपने बच्चों को अन्य बच्चों से तुलना न करें. हर बच्चे में अपने अलग गुण और अपने एक अलग प्रतिभा मौजूद होती है, इन्हे पहचाने.

  • अगर आपका बच्चा खेलकूद के प्रति ज्यादा रूचि रखता है, तो उसे खेलकूद में आगे बढ़ाएं.

  • यदि बच्चा अभिनय या कला के क्षेत्र में रूचि रखता है तो उसे अभिनय के किसी फील्ड में शिक्षा दिला सकते हैं. 

  • यदि आपका बच्चा पढ़ाई के किसी ख़ास विषय में रूचि रखता है तो उसे उस विषय में सहयोग करें. 



तो दोस्तों, मैं यहाँ केवल ये कहना चाहती हूँ की हम अपने बच्चों की रूचि, उनकी मर्जी को जानकार कुछ ऐसे प्रबंध करें की बच्चे की रूचि के साथ - साथ उसका भविष्य भी उज्जवल बन सके. धन्यवाद् 

मन की सुन्दरंता


मन की सुन्दरंता - शब्द (shabd.in)

एक राजा की दो पत्नियां थी। प्रथम पत्नि सांवली थी वह राजा को बिल्कुल पंसद नहीं थी वहीं दूसरी पत्नि बहुत सुंदर देह व आकर्षक थी। राजा हमेशा दूसरी पत्नि को अपने साथ रखता था। वह उसकी अचूक एवं आकर्षक सुन्दरता में डूबा रहता था प्रथम पत्नि सुशील एवं बहुत गुण थी लेकिन उसका रंग सावंला होने के कारण राजा उसे पसंद नहीं करता था , उसे महत्व व पत्नि का दर्जा भी नहीं देता था रानी होते हुए भी वह एक दासी की तरह रहती थी। धीरे धीरे समय गुजरता गया राजा बूढा होने लगा और बीमार भी।

एक दिन पता चला की राजा को कोई छूत की बीमारी हो गई है जिसका पता दूसरी सुंदर पत्नि को हुआ तो वह राजा से दूर दूर रहने लगी एवं पुत्र - पुत्रियां भी उससे कटे कटे रहने लगे। अब राजा ने अपना राज्य तो पहले से ही अपनी सुंदर पत्नि के पुत्र को दे दिया था पुत्र के राजा होने पर सुन्दर पत्नि राजा से दूर चली गई, राजा तो केवल नाम का राजा रह गया था क्योंकि प्रेम के वश मेंं उसने सुन्दर पत्नि के पुत्र को अपना सारा राज्य और खजाना सौंप दिया था।


राजा की बीमारी की बात सब जगह फैल गयी । जब कोड़ स्पष्ट रूप से दिखने लगा तो सुन्दर पत्नि अपने बच्चों को लेकर राजा से अलग रहने लगी। धीरे धीरे राज्य के लागे व उसके मित्रगण भी राजा से दूर रहने लगे। कोई भी उसके पास नहीं भटकता था। सभी ने राजा से नाता तोड़ दिया था। अब तो राजा बिल्कुल अकेला पड़ गया था एवं कोठी में रहने लगा था। अब राजा बहुत मायूस एवं दुखी रहने लगा था।


जब दूसरी पत्नि को यह बात पता चला कि राजा अलग कोठी में अपनी बीमारी के कारण अकेला रहता है तो उसे दुख हुआ और वह राजा के पास गई। जिस पत्नि को राजा ने कुरूप एवं सांवली मान कर दूर कर दिया था केवल वही कुरूप और सांवली दिखने वाली पत्नि ने राजा की देखभाल की। उस समय राजा इतना हतास और अपने पर शंर्मिंदा हुआ की वह अपने गुनाहों की माफी भी अपनी सच्ची धर्मपत्नि, सच्ची जीवन संगिनी से मांगने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाया। राजा को यह एहसास हुआ की सच्ची सुन्दरता मन की सुन्दरता होती है।

सफलता के रहस्य

सफलता कौन नहीं चाहता ? पर सफल होने की पहली सीढ़ी विश्वास है , विश्वास पर दुनिया टिकी है ,सफलता प्राप्त करने के मार्ग में कुछ कठनाईयाँ आना तो स्वभाविक है आप को अपने ऊपर विश्वास बनाये रखने की जरूरत है , और इसके साथ -साथ अपने अंदर अच्छी आदतों को अपनी जीवन में उतरे और बुरी आदतों को त्यागे ।

अच्छी आदते आपको लक्ष्य या सफलता की और ले जाती है वही बुरी आदते हमारे मनोबल को कमजोर करती है और हमारे लक्ष्य से हमें भटकाती है अपनी अच्छी और बुरी आदतों को कुछा इस तरह पहचाने ....

अपने दैनिक जीवन के सभी कार्यो को लिखें , उनमेँ से बैठ कर देखे की आपकी कौन सी आदते अच्छी है और कौन सी आदते  बुरी है । उनमेँ से अच्छी आदतों को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करें,और बुरी आदतों को अपनी दिनचर्या से बाहर निकाले.....

अच्छी बुरी आदते सभी में होती है , जैसे की अच्छी आदतों के कुछ उदाहरण .... 

अच्छी आदते ..

१. समय का सद्पयोग .

२. आलस्य का त्याग .

३. अपने लक्ष्य को पूरा करने की लगन ..

बुरी आदते ...

१. समय का दुप्रयोग.

२. आलस्य में पड़े रहना .

३. अपने काम में लापरवाह होना ..

इस तरह आप अपनी अच्छी -बुरी आदतों का विश्लेषण स्वयं करके अपने जीवन में सफलता को निश्चय ही उतार सकते है ..

धन्यवाद 

एक सफल ग्रहणी के रहस्य

एक सफल ग्रहणी वह है जो अपने पति की आय में अपने खर्चो को चलने में माहिर हो ।
जैसे ..........
१. अपनी मूलभूत चीजों  में खर्च करने के बाद बचे पैसों की सेविंग करना ,अपनी महीने की आय का 10%
 भाग  बचा कर चलना जिससे आपकी सेविंग आसानी से हो सकेगी   ।
२.जो सेविंग हो उसे किसी ऐसे काम में इन्वेस्ट करना जो बाद में काम आ सके ।
३. अपने खर्चो को नोटबुक में उतारे ,ताकि कहा पैसा खर्च हो रहा है और कितना पैसा खर्च हो रहा है , ये मालूम रहे ।
४. पति की आय कम हो तो आप भी कुछ बिजनिस शुरू कर सकती है ,यदि घरेलू व्यापर करना पसंद हो तो उसमे अपने बच्चों की भी हेल्प ले सकती है ।
५.टीनएज बच्चों को प्यार देने के साथ -साथ जिम्मेदारी का एहसास भी कराये ।

Wednesday, May 8, 2019

रिश्तों का महत्व


रिश्ते की एक अनमोल धरा प्रेम हैं। कभी -कभी हम जिंदगी में इतने आगे बढ़ जाते हैं , की अपने में समाये अहम को नहीं जान पाते और हर रिश्ते से कटते चले जाते हैं ,हम रिश्तो को जब बोझ समझने लगते हैं ,पैसों को रिश्ते के साथ जोड़ने लगते हैं । ऐसे में व्यक्ति भूल जाते हैं ,की जिंदगी केवल पैसों से तो नहीं चलती ,कल अगर आप कितने भी सक्षम व्यक्ति के रूप में निखर जाये ,पर जब वो ख़ुशी को सुनने वाले कोई अपने न हो तो ख़ुशी का मतलब न के बराबर हो जाता हैं , अपनों के साथ ख़ुशी बाँटने का मजा ही अनोखा होता हैं , रिश्तों की डोर बहुत नाजुक होती हैं इसे हमेशा सहेज कर रखना चाहिए ।

अपने को बड़ा  समझने के अंहकार में व्यक्ति अकेले ही मंजिल पाने को निकल जाते हैं और अपनी मंजिल पा भी लेते हैं । पर जब उस मंजिल पर पहुंचने के बाद आपको जो ख़ुशी मिलेगी उसे बाँटने की जरूरत होगी और तब व्यक्ति को  अपने रिश्तों की अहमियत का पता  चलेगा ।की दुनिया में हर चीज जरुरी हैं , जहाँ कामयाबी जरुरी हैं वहीं अपनों का साथ भी उतना ही जरुरी हैं , ख़ुशी  में जब तक तारीफ कर के कोई पीठ न थपथपाये वह ख़ुशी अधूरी लगती हैं ।इन ख़ुशी के पलों को जीने के लिए अपने रिश्तों को प्यार की डोरी से हमेशा बंधे रखे ।

लक्ष्य

लक्ष्य क्या हैं ? क्या आप जानते हैं की लक्ष्य जीवन में सफल होने की पहली सीड़ी होती हैं , अगर हम किसी सफल व्यक्ति को देखते हैं और कहते हैं की काश उसकी पोस्ट पर हम होते ,यहाँ हम आपको यह कहना चाहते हैं की जिंदगी में काश कुछ नहीं हैं सभी चीजें सम्भव होती हैं बतौर किसी भी चीज तक पहुंचने में एक लक्ष्य का होना जरुरी होता हैं हम कई ऐसी महान हस्तियों को जानते हैं जो की चाय बेच कर , न्यूज पेपर बेच कर इतने चमक चुके हैं की कल तक जो न्यूज पेपर बेचता था आज उसकी न्यूज फ़्रंट पेज पर छपी होती हैं ।
ये कोई जादू नहीं हैं उनके पास भी दिन के वही २४ घंटे हैं  जो आपके पास हैं ,पर वह उनका सदुपयोग करते हैं और अपने लक्ष्य को पूरा करते हैं ,दोस्तों काम जभी पूरा होता हैं जब वह पूरी तरह से कम्प्लीट हो तब तक हर न माने सफलता आपको जरूर मिलेगी ।

माँ

बचपन में न समझे माँ  की पायरी ममता को 
समझे तो बचपन कहा बच पाया ,
घर पराये जाकर माँ का प्यार याद आया ,

फिर आई भाभी घरमें 
घर जो अपना कहते थे 
भाभी का कहलाया ,
माँ की ममता में तो फिर भी अंतर न आया 
पर भाभी के कड़वे वचनो से दिल भर आया 
जब समझे प्यार माँ का 
समय बदल चूका था